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श्रीचक्र के १० आवरण

KAULBHASKAR GURU JI

2022-09-25

श्रीचक्र के १० आवरण

दक्षिणामूर्त्ति मत के अनुसार श्रीचक्र के १० आवरण है और ये है- भूपुर, त्रिवृत, षोडशदल, अष्टदल, चतुर्दशार, बहिर्दशार, अन्तर्दशार, अष्टार, त्रिकोण और बिन्दु। श्रीचक्र के इन १० आवरणों के नाम और इनकी पूजा से मिलने वाले फल निम्न है-

भूपुर(त्रैलोक्यमोहन चक्र) – तीनों लोको को मोहित करने की शक्ति

त्रिवृत(त्रिवर्गसाधक चक्र) – धर्म, अर्थ, काम की प्राप्ति

षोडशदल (सर्वाशापरिपूरक चक्र) -सकलकामना प्रदायक

अष्टदल (सर्वसंक्षोभण चक्र) – समस्त चराचर को क्षुब्ध करने की शक्ति

चतुर्दशार (सर्वसौभाग्यदायक चक्र) – समस्त प्रकार के सौभाग्य को प्रदान करने वाला

बहिर्दशार (सर्वार्थसाधक चक्र) – समस्त प्रयोजन की सिद्धि

अन्तर्दशार (सर्वरक्षाकर चक्र) – सभी कष्ट व आपत्तियों से रक्षा करने वाला

अष्टार (सर्वरोगहर चक्र) – समस्त रोगों का नाश करने वाला

त्रिकोण (सर्वसिद्धिप्रद चक्र) – समस्त सिद्धियों को देने वाला

बिन्दु (सर्वानन्दमय चक्र)- पूर्ण आनन्द को देने वाला